
जयपुर बक्शावाला की जेडीए कॉलोनी में रहने वाले 62 वर्षीय बांग्लादेशी फजलू हक के पास आधार-जनआधार है. फजलू और उनकी पत्नी राज्य सरकार की बुजुर्गों को मिलने वाली एक हजार रुपए पेंशन भी ले रहे हैं.
राजस्थान के जयपुर में अवैध रूप से हजारों बांग्लादेशी ना सिर्फ यहां शरण लिए हुए हैं, बल्कि किसी आम भारतीय की तरह सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं.यहां तक की बड़ी तादाद में बांग्लादेशी वोट तक डाल रहे हैं. इसमें कई हिस्ट्रीशीटर भी शामिल हैं, जिनकी जयपुर पुलिस के पास सूची भी है, बावजूद इसके पुलिस पुलिस इन्हें नहीं पकड़ सकी है. हालांकि, हाल में कुछ बांग्लादेशियों को पुलिस ने पकड़ा जिनके पास कई भारतीय दस्तावेज मिले, जिसे देख पुलिस भी हैरान रह गई.
बक्शावाला में रह रहे बांग्लादेशी
जयपुर बक्शावाला की जेडीए कॉलोनी में रहने वाले 62 वर्षीय बांग्लादेशी फजलू हक के पास आधार-जनआधार है. फजलू और उनकी पत्नी राज्य सरकार की बुजुर्गों को मिलने वाली एक हजार रुपए पेंशन भी ले रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मिशन बसेरा के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण ने उसे मकान तक आवंटित कर दिया. यहां बक्शावाला में 80 बांग्लादेशी रह रहे हैं, पुलिस इन्हें थाने बुलाकर कई बार तस्दीक भी करती है.
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